पैसों की बारिश का रहस्य | hindi kahani | moral story in hindi | paison ki baarish


मनु, एक साधारण और सीधा-सादा किसान था, जिसका जीवन खेतों की मिट्टी और पशुओं की देखभाल में बीतता था. वह दिन-रात कड़ी मेहनत करता, पसीना बहाकर फसल उगाता और अपने पशुओं से दूध बेचकर घर का गुजारा चलाता था.

Photo credit : pixabay.com

 उसकी पत्नी एक समझदार और गृहिणी महिला थी, जो घर का सारा हिसाब-किताब रखती और पाई-पाई बचाकर चलती थी. उनकी एक प्यारी सी बेटी थी, जिसकी शादी के लिए उन्होंने धीरे-धीरे एक मोटी पूंजी जमा कर रखी थी. 

मनु के मन में हमेशा एक ख्वाहिश रहती थी – जल्द से जल्द अमीर बनने की, ताकि वह अपनी बेटी को एक बेहतर जीवन दे सके और अपने परिवार की हर ख्वाहिश पूरी कर सके. वह सोचता था कि अगर वह जल्दी से धनवान बन जाए, तो उसे इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ेगी और उसका जीवन सुखमय हो जाएगा. इस ख्वाहिश ने उसे कभी-कभी ऐसे रास्ते सोचने पर मजबूर किया, जो शायद सही नहीं थे.

एक दिन, मनु के एक दूर के रिश्तेदार ने उसे एक ऐसे तांत्रिक के बारे में बताया, जो अलौकिक शक्तियों का दावा करता था और 'पैसों की बारिश' करवाने की क्षमता रखता था. रिश्तेदार ने बड़ी-बड़ी बातें बताईं, तांत्रिक की करामातों के किस्से सुनाए, जिससे मनु का मन पूरी तरह से डगमगा गया. यह सुनकर मनु खुशी से पागल हो गया. उसकी आँखों में अचानक ढेरों सपने तैरने लगे. 

वह कल्पना करने लगा कि उसके पास अब एक बड़ी शानदार गाड़ी होगी, शहर में एक आलीशान बंगला होगा, और समाज में उसकी बहुत इज्जत होगी. वह सोचने लगा कि अब उसकी गरीबी के दिन लद गए और वह एक राजा की तरह ठाट-बाट से जीवन व्यतीत करेगा. वह इतना उत्साहित था कि उसने अपने रिश्तेदार की बातों पर आँख मूँदकर विश्वास कर लिया, बिना यह सोचे कि क्या यह सब सच में संभव है.

उसके रिश्तेदार ने धीरे-धीरे उसे इस तांत्रिक विद्या की जटिलताओं और उसमें लगने वाले खर्च के बारे में बताना शुरू किया. उसने कहा कि तांत्रिक विद्या के लिए कुछ विशेष पूजा-सामग्री और तांत्रिक को देने के लिए लगभग चार लाख रुपये की आवश्यकता होगी. यह सुनकर मनु के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आईं. इतनी बड़ी रकम उसके लिए जुटाना आसान नहीं था. 

 मनु के पास जो भी जमा पूंजी थी, वह उसकी बेटी की शादी के लिए थी. वह गहरे सोच में पड़ गया. उसने अपनी पत्नी के पास जमा किए गए उन पैसों के बारे में सोचा, जो उसने सालों की मेहनत से बचाए थे. उसके मन में एक द्वंद्व छिड़ गया – एक तरफ बेटी का भविष्य और दूसरी तरफ जल्द अमीर बनने का लालच. काफी देर तक मनु और उसके रिश्तेदार के बीच बातचीत चलती रही. 

रिश्तेदार ने उसे बार-बार समझाया कि यह मौका उसके लिए कितना महत्वपूर्ण है, यह उसके जीवन को कैसे बदल देगा. अंततः, लालच और सपनों के आगे मनु का विवेक कमजोर पड़ गया और वह मान गया. उसने फैसला कर लिया कि वह अपनी पत्नी को बताए बिना घर से सारे पैसे लेकर जाएगा और तांत्रिक के बताए अनुसार 'पैसों की बारिश' कराएगा.

रात का समय था. चाँदनी रात में सन्नाटा पसरा हुआ था. मनु, पूजा का सारा सामान और घर से निकाले हुए चार लाख रुपये चुपचाप लेकर घर से निकला. वह एक सुनसान जंगल में एक बड़े, घने पेड़ के पास पहुँचा, जहाँ तांत्रिक पहले से ही इंतजार कर रहा था.

 तांत्रिक ने एक अजीबोगरीब वेशभूषा पहन रखी थी और उसका चेहरा रहस्यमयी लग रहा था. तांत्रिक ने मनु को पास बुलाया और उसे सारे पैसे एक लाल रुमाल में पूजा के अन्य सामान के साथ रखने को कहा. मनु ने बिना कोई सवाल किए वैसा ही किया.

 इसके बाद, तांत्रिक ने अपनी तांत्रिक विद्या शुरू की. उसने कुछ अजीबोगरीब मंत्रों का उच्चारण करना शुरू किया, जो मनु को समझ नहीं आ रहे थे, और कुछ रहस्यमय अनुष्ठान करने लगा.

मनु उत्सुकता और डर के मिले-जुले भाव से सब देख रहा था. कुछ ही देर में, उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं. पेड़ के ऊपर से नोटों की बारिश होने लगी! दस, बीस, पचास, सौ और पाँच सौ के नोटों की गड्डियाँ उसके सामने गिरने लगीं. 

मनु खुशी से पागल हो गया. उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था. उसने सोचा कि उसके सपने सच हो गए हैं. वह जल्द से जल्द सारे पैसे बटोरने लगा. थोड़ी देर बाद, पैसों की बारिश बंद हो गई.

तांत्रिक ने मनु से कहा, "देखो वत्स, तुम्हारी ईश्वर के प्रति श्रद्धा अभी भी कुछ कम है, इसलिए पैसों की बारिश पूरी तरह से नहीं हो पाई. तुम्हें और अधिक भक्ति और विश्वास के साथ प्रार्थना करनी होगी. तुम्हें कुछ मिनटों के लिए अपनी आँखें बंद रखनी होंगी और मन ही मन ईश्वर का स्मरण करना होगा. जब तक मैं तुम्हें आँखें खोलने के लिए न कहूँ, तब तक तुम अपनी आँखें मत खोलना."

 मनु ने तुरंत मान लिया, क्योंकि वह और पैसे चाहता था. उसने अपनी आँखें मजबूती से बंद कर लीं और पूरी श्रद्धा से प्रार्थना करने लगा, जैसा कि तांत्रिक ने बताया था.

कुछ समय बीतने के बाद, मनु ने अपनी आँखें बंद रखते हुए आवाज दी, "गुरुदेव, कितनी देर और आँखें बंद रखनी पड़ेंगी?" लेकिन उसे किसी की कोई आवाज नहीं आई. चारों तरफ गहरा सन्नाटा था. 

मनु को कुछ अजीब लगा. उसने धीरे से अपनी आँखें खोलीं और जो देखा उससे उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. वहाँ से सारे पैसे गायब थे! तांत्रिक भी वहाँ नहीं था. मनु के रुमाल में रखे चार लाख रुपये भी गायब थे, और जमीन पर गिरे हुए नोट भी अब दिखाई नहीं दे रहे थे. मनु का शरीर काँप उठा. उसे तुरंत अपनी गलती का एहसास हुआ. वह डर गया था, उसे लगा कि घर पहुँचते ही उसकी पत्नी उसे बहुत गालियाँ देगी और शायद कभी माफ नहीं करेगी.

उसे अपनी मूर्खता पर बहुत गुस्सा आया. उसे समझ में आया कि जो पैसे गिर रहे थे, वह तो तांत्रिक का ही कोई साथी था, जो पहले से पेड़ पर चढ़ा हुआ था और नीचे पैसे फेंक रहा था. यह सब एक सोची-समझी साजिश थी. 

मनु ने बिना देर किए तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उस ढोंगी तांत्रिक और उसके साथी को पकड़ लिया. हालांकि, तब तक तांत्रिक ने मनु के कुछ पैसे खर्च कर दिए थे. मनु को उसके कुछ पैसे ही वापस मिल पाए, बाकी का नुकसान उसे ही उठाना पड़ा.

इस कड़वे अनुभव के बाद, मनु को अपनी गलती का एहसास हुआ. उसने अंधविश्वास और शॉर्टकट के लालच को हमेशा के लिए त्याग दिया था. उसे समझ में आ गया था कि सच्ची दौलत केवल कड़ी मेहनत, ईमानदारी और लगन से ही हासिल की जा सकती है. इस घटना ने मनु के जीवन को एक नया मोड़ दिया. 

उसने फिर से अपनी खेती और पशुपालन पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन इस बार और भी अधिक लगन और ईमानदारी से. उसने सीखा कि ईमानदारी से कमाया गया एक रुपया भी धोखे से कमाए गए लाखों रुपये से कहीं अधिक मूल्यवान होता है.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ