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एक मेहनती बैल का जीवन | Hindi kahani | Ek mehnati bail ka Jivan | kahaniya


गाँव की हरी-भरी वादियों में, एक शांत और मेहनती बैल रहता था, जिसका नाम भोला था। उसकी कहानी किसी महाकाव्य से कम नहीं, बस शब्दों में बयां करने का तरीका थोड़ा अलग है।

Photo credit : Pixabay.com



भोला का जन्म एक छोटे से गाँव के एक किसान परिवार में हुआ था। उसकी माँ, गंगा, एक ममतामयी गाय थी, जिसकी छाँव में भोला ने अपने बचपन के सुनहरे दिन बिताए। गाँव के बच्चों की किलकारियाँ और उनके हाथों का प्यार भोला के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं था।

धीरे-धीरे भोला बड़ा होने लगा और उसके कंधों पर जिम्मेदारी का बोझ आने लगा। उसके मालिक, रामलाल जी, एक भले इंसान थे, लेकिन खेती-बाड़ी का काम तो मेहनत मांगता ही है। हर सुबह, सूरज की पहली किरण के साथ ही भोला और उसके साथी हल में जुत जाते थे। तपती धूप हो या मूसलाधार बारिश, भोला बिना किसी शिकायत के खेत की मिट्टी को सोना बनाता रहता था।


रामलाल जी के साथ भोला ने अनगिनत खेत जोते और फसलों को लहलहाते देखा। गेहूँ की सुनहरी बालियाँ और धान के हरे भरे खेत उसकी मेहनत की गवाही देते थे। जब पहली फसल कटकर घर आई, तो रामलाल जी की आँखों में खुशी के आँसू थे, और भोला के मन में एक अजीब सी तृप्ति का भाव था।

भोला के जीवन में कई साथी आए और बिछड़े। हीरा, उसका सबसे करीबी साथी था, जो हर मुश्किल में उसके साथ खड़ा रहता था। दोनों ने मिलकर खेतों में दिन-रात काम किया। जब हीरा बूढ़ा हो गया, तो रामलाल जी ने उसे बेचा नहीं, बल्कि उसकी खूब सेवा की। यह देखकर भोला का मन कृतज्ञता से भर गया।

वक्त की मार हर किसी पर पड़ती है, और भोला भी इससे अछूता नहीं रहा। उसकी ताकत धीरे-धीरे कम होने लगी। अब वह पहले की तरह तेज नहीं दौड़ पाता था और न ही उतनी देर तक हल खींच पाता था। उसके शरीर में थकान महसूस होती थी, लेकिन उसका मन आज भी सेवा के लिए तत्पर रहता था।

अब भोला का ज्यादातर समय खलिहान में आराम करते हुए बीतता है। कभी-कभी रामलाल जी उसके पास आते और प्यार से उसकी पीठ सहलाते। उनकी आँखों में भोला के लिए गहरा सम्मान और कृतज्ञता झलकती थी। गाँव के बच्चे अब भी उसे देखने आते हैं, लेकिन उनकी शरारतों में अब आदर का भाव घुल गया था।

भोला ने अपने जीवन में सुख-दुख दोनों देखे थे। उसने अथक परिश्रम किया और अपने मालिक और गाँव के लोगों की सेवा की। उसे इस बात की संतुष्टि थी कि उसका जीवन किसी के काम आया। एक साधारण बैल होकर भी, उसने इस दुनिया में अपना एक खास स्थान बनाया था।

भोला की कहानी उन सभी मूक प्राणियों की कहानी है जो निस्वार्थ भाव से दूसरों के लिए जीते हैं। वे कभी अपनी पीड़ा व्यक्त नहीं करते, लेकिन उनकी मेहनत हर खेत और खलिहान में महसूस की जा सकती है।

यह भोला की कहानी है, एक ऐसे बैल की कहानी जिसने अपने शांत और मेहनती जीवन से अनगिनत लोगों के दिलों में जगह बनाई। 

एक मेहनती बैल का जीवन कहानी हमें सिखाती है कि हर जीवन महत्वपूर्ण है और सेवाभाव सबसे बड़ा धर्म है।

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