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रहस्यमयी रात | hindi kahani | प्रेम कहानी | love story in hindi

 रहस्यमयी रात 

विराज एक शांत और सुलझा हुआ लड़का था, जो अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई में मग्न रहता था।

 उसकी दुनिया किताबों और कोडिंग की दुनिया तक ही सीमित थी, जब तक कि उसकी मुलाकात एक रहस्यमयी लड़की, तारा से नहीं हुई। तारा कॉलेज के एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में मिली थी, उसकी आँखें तारों की तरह चमक रही थीं और उसकी मुस्कान में एक अजीब सी कशिश थी।

Photo credit : pixabay.com



विराज आम तौर पर लड़कियों से दूर रहता था, लेकिन तारा की उपस्थिति में उसे एक अजीब सी शांति महसूस होती थी। दोनों में बातें शुरू हुईं, जो धीरे-धीरे गहरी दोस्ती में बदल गईं। तारा के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह थी कि वह अपने बारे में ज़्यादा कुछ नहीं बताती थी। उसके अतीत, उसके परिवार, उसके सपनों के बारे में विराज को हमेशा एक धुंधलका महसूस होता था। जब भी विराज उससे निजी सवाल करने की कोशिश करता, वह मुस्कुराकर बात टाल जाती या कोई और दिलचस्प कहानी छेड़ देती।

एक रात, कॉलेज में एक पार्टी थी। विराज और तारा साथ में थे। माहौल खुशनुमा था, संगीत बज रहा था और हर तरफ हंसी-ठिठोली हो रही थी। तभी अचानक, बिजली चली गई और पूरा हॉल अंधेरे में डूब गया। कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मची, लेकिन फिर मोबाइल की रोशनी और इमरजेंसी लाइटें जल गईं। जब रोशनी वापस आई, तो विराज ने देखा कि तारा उसके पास नहीं थी।

उसने उसे हर जगह ढूंढा, अपने दोस्तों से पूछा, लेकिन तारा का कोई पता नहीं चला। उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ था। विराज परेशान हो गया। यह पहली बार था जब तारा बिना बताए कहीं चली गई थी। अगले दिन भी तारा कॉलेज नहीं आई। विराज ने उसके हॉस्टल में पता किया, लेकिन वहां भी कोई जानकारी नहीं मिली।


विराज को अब डर लगने लगा था। तारा के रहस्यमय स्वभाव और अचानक गायब हो जाने की वजह से उसके मन में कई सवाल उठने लगे। क्या तारा सच में वही थी जो वह दिखाती थी? क्या उसके पीछे कोई रहस्य छुपा हुआ था?

उसने तारा के बारे में और जानने की कोशिश की। उसने उन कुछ मुलाकातों को याद किया जब तारा ने अनजाने में कुछ ऐसी बातें कही थीं जो उसकी कहानी से मेल नहीं खाती थीं। एक बार उसने किसी दूर शहर का ज़िक्र किया था, जबकि उसने विराज को बताया था कि वह हमेशा से इसी शहर में रही है।

 दूसरी बार उसने किसी ऐसे व्यक्ति का नाम लिया था जिसे विराज जानता नहीं था, जबकि उसने कहा था कि उसके ज़्यादा दोस्त नहीं हैं।

विराज ने अपने स्तर पर तारा को ढूंढना शुरू कर दिया। उसने कॉलेज के रिकॉर्ड्स खंगाले, उसके दोस्तों से दोबारा बात की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। ऐसा लग रहा था जैसे तारा अचानक हवा में गायब हो गई हो।

एक शाम, विराज कॉलेज के पीछे वाले गार्डन में बैठा हुआ था, उसी जगह जहाँ उसने पहली बार तारा से लंबी बातें की थीं। वहां एक पुराना बेंच था, जिस पर तारा अक्सर अपनी कविताएं लिखती थी। विराज ने उस बेंच के आसपास देखा, शायद उसे कोई क्लू मिल जाए। तभी उसकी नज़र बेंच के नीचे दबी हुई एक छोटी सी डायरी पर पड़ी।

डायरी पुरानी थी और उसके पन्ने पीले पड़ गए थे। विराज का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। क्या इस डायरी में तारा के बारे में कोई राज छुपा हुआ है? उसने डायरी खोली और पढ़ना शुरू किया।

डायरी में एक अलग ही दुनिया बसी हुई थी। उसमें एक लड़की की कहानी लिखी थी जो एक गंभीर बीमारी से जूझ रही थी और जिसके पास जीने के लिए बहुत कम समय बचा था। वह लड़की दुनिया देखना चाहती थी, लोगों से मिलना चाहती थी और कुछ खूबसूरत यादें बनाना चाहती थी। उसने अपनी पहचान बदलकर एक नई ज़िंदगी शुरू की थी, ताकि वह अपने बचे हुए दिनों को खुलकर जी सके।

जैसे-जैसे विराज डायरी के पन्ने पलटता गया, उसे एहसास हुआ कि यह लड़की कोई और नहीं, तारा थी। उसकी रहस्यमयी बातें, उसका अतीत छुपाना, सब कुछ अब समझ में आ रहा था। तारा जानती थी कि उसकी ज़िंदगी ज़्यादा लंबी नहीं है, इसलिए वह हर पल को जीना चाहती थी और शायद इसीलिए वह किसी को अपने दर्द के बारे में बताना नहीं चाहती थी।

डायरी के आखिरी पन्ने पर एक पता लिखा हुआ था – एक छोटा सा गांव शहर से दूर। विराज समझ गया कि तारा शायद वहीं चली गई है, अपने आखिरी दिन शांति से बिताने के लिए।

विराज के मन में कई भावनाएं एक साथ उमड़ पड़ीं – दुख, प्यार और एक अनकहा सवाल। क्या उसे तारा को ढूंढना चाहिए? क्या उसे उसकी शांति भंग करनी चाहिए? क्या वह तारा के दर्द को कम कर पाएगा?

उस रात विराज सो नहीं सका। उसके दिमाग में सिर्फ तारा और उसकी डायरी के शब्द घूम रहे थे। वह जानता था कि उसे एक फैसला लेना होगा, एक ऐसा फैसला जो तारा की ज़िंदगी और उसकी अपनी भावनाओं को हमेशा के लिए बदल देगा।

यह कहानी यहीं पर समाप्त होती है, एक अनसुलझे सवाल के साथ।

 

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